हाथ मिलाना गलत क्यों है ? क्यों हमें हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते / नमन / नमस्कार जैसे शब्दों से सामने वाले का अभिवादन करना चाहिए ? सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल What is the response to Namaste? यानि कोई अगर नमस्ते करता है तो क्या करना चाहिए.
ऐसे ही कई सवाल का जवाब आज जानने की कोशिश करेंगे. आज की पोस्ट नमस्ते के जरिये अभिवादन क्यों करना चहिये को लेकर है जिसमे हम What does it mean when you say Namaste? और What is the meaning of Namaste in bed? जो की अब लगभग ना के बराबर देखने को मिलता है के बारे में बात करेंगे.
अगर आपको नमस्ते क्यों करना चाहिए का पता चल गया तो आप इसे दैनिक लाइफ में जरुर अपनाएंगे.
इंडियन कल्चर में अभिवादन का सबसे famous तरीका या तो पैर छूकर आशीर्वाद लेना है या फिर हाथ जोड़ कर नमस्ते किया जाता है. अगर कोई आपसे बुजुर्ग है तो उसके पैर छू कर या फिर समान आयु वाले वर्ग में नमस्ते के जरिये अभिवादन की परम्परा है.
बहुत ही कम लोग जानते है की ऐसा क्यों किया जाता है. विदेशो में hand shake किया जाता है जो की बिलकुल गलत है. हम इस बारे में पहले ही बात कर चुके है की हाथ मिलाकर किया गया अभिवादन आपके लिए सही क्यों नहीं है.
what is namaste – नमस्ते क्यों करना चाहिए ?
नमस्ते सिर्फ एक शब्द मात्र नहीं है. इसका महत्त्व हर हर स्तर में देखने को मिल जाएगा. सर को थोड़ा सा झुकाकरदोनों हाथो को जोड़ कर अपने दिल के पास ले जाने के पीछे के जो benefit है आज हम उन्हें जानने वाले है. सबसे पहले तो ये जानते है की नमस्ते क्या है ?
नमस्ते अभिवादन के तरीको में से एक है. शारीरिक स्तर पर इसका महत्त्व ये है की 2 लोगो के बिच इसके जरिये सम्मान दिया जाता है. एक व्यक्ति सम्मान देता है जब की दूसरा प्रतिक्रिया के रूप में सम्मान या फिर अपनी आध्यात्मिक उर्जा का प्रवाह सामने वाले की तरफ करता है.
कब कब किया जाता है नमस्ते
नमस्ते कई जगह किया जाना चाहिए जिसमे कुछ जगहों को हम हमेशा ignore करते है. आइये जानते है दैनिक लाइफ में हमें किन किन जगह नमन / नमस्ते करना चाहिए. इन जगहों पर हमें नमस्ते क्यों करना चाहिए इसके पीछे की वजह है दिन भर के महत्वपूर्ण जगहों से positive और spiritual energy को ज्यादा से ज्यादा gain करना.
- सबसे पहला नमस्कार किया जाता है उठते ही सूर्य देवता और अपने आराध्य को.
- घर के अन्य मेम्बर का अभिवादन जिसमे बुजुर्गो और माता पिता का अभिवादन हमेशा पैर छूकर करना चाहिए.
- विद्यालय जाते समय अगर मंदिर पड़े तो वहा नमन करना चाहिए. हालाँकि कुछ जगह सिर्फ इसकी मुद्रा बनाने का प्रावधान है क्यों इश्वर को नमस्ते नहीं किया जाता.
- अपने हम उम्र व्यक्ति जिनसे आप रोज मिलते हो या फिर कभी कभी सब से नमस्कार करना चाहिए.
- किसी भी अभ्यास के बाद उस जगह, सामने वाले प्रतिद्वंदी या फिर गुरु को नमन और नमस्कार करना चाहिए.
नमस्कार के साथ अभिवादन का सही तरीका
अभिवादन करने का सबसे अच्छा तरीका नमस्ते करना है. इसके लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होता है. इस मुद्रा में दो व्यक्ति का आमने सामने जो पोज बनता है उसकी वजह से आध्यात्मिक प्रभाव का प्रवाह होता है जो की नमस्ते क्यों करना चाहिए की सबसे बड़ी वजह है.
- पहला आप जिसका अभिवादन कर रहे है वो उम्र में आपसे बड़ा है, समान है या छोटा है.
- दूसरा आपके खड़े होने का तरीका, शांत और सौम्य व्यवहार के साथ आपका अभिवादन होना चाहिए.
- अगर आप अभिवादन के समय मुस्कुरा रहे है तो अच्छी बात है लेकिन सामने वाले को ये प्राकृतिक मुस्कान लगनी चाहिए ना की ऐसा जैसे आप उस पर हंस रहे हो.
कैसे करे अभिवादन
अभिवादन करने के लिए 3 step है उन्हें फॉलो करे.
- सामने खड़े हो जाइये और चेहरे को उम्र के अनुसार झुकाए.
- दोनों हाथो को अपने चेस्ट पर ले आइये और हाथ जोड़े.
- प्राकृतिक मुस्कुराहट और सौम्यता के साथ नमस्ते कहे.

नमस्ते क्यों करना चाहिए – इस मुद्रा या अभिवादन के effect
सामान्य सी लगने वाली अभिवादन की ये प्रक्रिया आध्यात्मिक गुणों से भरी पड़ी है. नमस्ते करना ना सिर्फ आपको खुश रखता है बल्कि सामने वाले को भी positive बनाता है. आइये जानते है इसके कुछ बदलाव या यू कहे क्या होता है जब हम किसी के साथ नमस्ते करते है ?
जब आप किसी के साथ नमस्ते करते है तब आपके अन्दर आध्यात्मिक उर्जा बनती है और आपके मन से दुसरो के लिए अच्छा होने की कामना पैदा होती है. मान लो की हम किसी के साथ नमस्ते कर रहे है तो उस वक़्त हम positive रहते है और उत्साहित भी इसकी वजह से आध्यात्मिक उर्जा बनती है और सामने वाले के अच्छे की कामना के भाव मन में बनते है.
सामने वाले पर इसका प्रभाव – आपने औरा के बारे में तो सुना ही होगा. नमस्ते की प्रक्रिया के जरिये हम सामने वाले के औरा क्षेत्र में प्रवेश कर सकते है. सामने वाले में भी हमारी जितनी ही ख़ुशी और उत्साह का भाव पैदा होता है.
इसकी वजह से उसकी आध्यात्मिक उर्जा का प्रवाह हमारी ओर प्रवाह करता है. इसके अलावा उसके मन में भी हमारे लिए अच्छे भाव पैदा होते है. जिसकी वजह से दोनों तरफ आध्यात्मिकता का प्रवाह बनता है.
amazing benefit of saying namaste
किसी का अभिवादन करने के लिए नमस्ते सबसे अच्छा जरिया है. इसमें आपको कुछ फायदे मिलते है जिन्हें आप दैनिक जीवन में महसूस कर सकते है. इन फायदों को जान कर आप समझ जाएंगे की daily life दुसरो के साथ नमस्ते क्यों करना चाहिए तो आइये जानते है कुछ ऐसे फायदों के बारे में.
- आपका ईगो कम होता है और आपके अन्दर जो negative emotion बनते है वो बंद हो जाते है.
- आपके अन्दर दुसरो को आकर्षित करने वाली प्राण उर्जा का संचार होता है. ज्यादा जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़े – बड़ो के पैर छू कर आशीर्वाद लेने की वजह
- आपके अन्दर सबको समान भाव से देखने का नजरिया बनता है.
- आध्यात्मिक भाव पैदा होना शुरू हो जाते है.
- आपके शांत और सौम्य व्यवहार की वजह से लोग आपसे जुड़ना पसंद करते है.
अब तो आप जान ही गए होंगे की हमें अभिवादन में नमस्ते क्यों करना चाहिए. इसके effect और benefit दोनों को जानने के बाद आप अपनी daily लाइफ में इसे जरुर अपनाएंगे.
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नमस्ते क्यों करना चाहिए – मेरे अपने विचार
कुछ लोगो के मन में दुविधा रहती है की नमन / नमस्कार और नमस्ते ये सभी एक ही है या अलग अलग ? दोस्तों नमन इश्वर और आराध्य को किया जाता है जो एक भाव है. नमस्कार वहा किया जाता है जहा लोगो का ध्यान आपकी ओर खींचना हो.
वही नमस्ते एक आदर भाव है. अब आप समझ ही गए होंगे की किस जगह कौनसा भाव प्रयोग किया जाता है.
आज की पोस्ट नमस्ते क्यों करना चाहिए पूर्व की पोस्ट की तरह ही आपको sachhiprerna और भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित करने के उदेश्य के साथ सही जानकारी देने की एक छोटी सी कोशिश है. उम्मीद करता हूँ आपको ये जरुर पसंद आई होगी.
Very nice post