Basic Reason of Unsuccess in Sadhna हमें सिद्धि क्यों नहीं मिलती है ? पुरातन काल में जिन मंत्रो को सिद्ध कर हम मनोकामना पूर्ति करते थे आज के समय में किसी भी साधना में सफलता मिलना संभव नहीं रहा है.
ऐसे कई कारण है जिसकी वजह से हमें किसी साधना या सिद्धि में सफलता नहीं मिलती है.
अगर आप एक साधक है या फिर साधना के क्षेत्र मे उतरना चाहते है तो आपको इन गलतियों को दोहराने से बचना चाहिए जो आपको साधना में सिद्धि हासिल करने से रोकती है.
देखा जाए तो हमें किसी तरह की शक्ति प्राप्त करने की जरुरत नहीं है क्यों की हम खुद शक्ति पुंज में वास में करते है.
सभी शक्तियां मन से संचालित होती है और मन का संधान कर किसी भी शक्ति को जाग्रत किया जा सकता है. साधना में बार बार कोशिश के बाद भी असफलता हासिल हो रही है तो इन 3 Basic Reason of Unsuccess in Sadhna in Hindi के बारे में जान ले.
पूरी तरह समर्पित होकर काम करने के बाद भी अगर आपको साधना का फल ना मिले तो निराश होना स्वभाविक है.
ज्यादातर साधक इन्टरनेट पर, किताबो से वशीकरण की साधना के आसान उपाय देखकर उन्हें करने की कोशिश करते है लेकिन, उन्हें इसमें सफलता हासिल नहीं होती है.
ऐसी स्थिति में उसका निराश होकर मंत्र को ही झूठा मान लेना स्वभाविक है.
मंत्र साधना में जिसे सफलता मिल गई उसका उत्साह बढ़ जाता है जिसकी वजह से वो और आगे बढ़ता है वही जिसे असफलता हासिल होती है वह निराश हो जाता है जिससे की उसका मनोबल टूटने लगता है.
साधना में असफलता मिलने के कारण के बारे में आपको पता होना चाहिए क्यों की जब तक आपको इसका मूल पता नहीं होगा आप इसमें सफल नहीं हो सकते है.
आइये जानते है Basic Reason of Unsuccess in Sadhna और साधना में सिद्धि क्यों नहीं मिलती है.
क्या मंत्र में सिद्धि मिलना वास्तव में इतना मुश्किल है ?
किसी भी मंत्र या साधना में सिद्धि का मिलना इस बात पर निर्भर करता है की साधक उस स्तर पर पहुंचा है या नहीं जहाँ पर उसके अंतर्मन की शक्तियां मंत्र के प्रभाव को पहचान ले.
जब किसी मंत्र का उच्चारण किया जाता है तब उसका एक वाइब्रेशन होता है जिसका प्रभाव साधक के मन पर पड़ता है. साधना के दौरान ज्यादातर लोगो को लगता है की मंत्र का जप करना सामान्य बोलचाल का हिस्सा है.
वास्तव में ऐसा नहीं है.
हर मंत्र का अपना एक वाइब्रेशन है यानि कंपन. मंत्र जप के दौरान इसे आप अपने बॉडी में फील कर सकते है. अगर आपको मंत्र जप के दौरान ऐसा अनुभव नहीं हो रहा है तो समझ जाइये की आप उपरी तौर पर सिर्फ जप कर रहे है.
साधना सिद्धि के लक्षण क्या है ?
साधना में सिद्धि के कई लक्षण और संकेत है जिन्हें एक साधक अनुभव कर सकता है. इसमें से कुछ संकेत निम्न है जैसे की
- सुषुम्ना नाड़ी में प्रकाश का अनुभव होना. साधक को चक्र में प्रकाश का अनुभव होने लगता है.
- मंत्र साधना का नियमित जप करने वाले साधक को सपने में गुरु या इष्ट देव देवी के दर्शन होते है.
- सुहागिन स्त्री या कन्या का दर्शन होना जो साधक को फूल या फल देती है.
- अगर साधना के दौरान पूर्णिमा का चन्द्रमा, गंगा नदी, सूर्य, शिवलिंग दिखाई दे तो समझ जाइये की मंत्र सिद्ध हो रहा है.
इस आधार पर आप ये पता कर सकते है की कोई मंत्र सिद्ध हुआ है या नहीं. इसके अनुसार ही हम Basic Reason of Unsuccess in Sadhna को समझ सकते है.
3 Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
अगर बात करे साधना में असफलता के कारण की तो 3 सामान्य कारण सामने आते है जिसमे एक साधक के मनोबल की कमी सबसे बड़ा कारण होता है.
मंत्र जप के दौरान एक भौतिक क्रिया होती है. हमारी बॉडी में सूक्ष्म स्तर पर जो संवेदनशील अंग होते है उनमे एक तरह का कंपन अनुभव होता है. ये कंपन एक खास तरह की साउंड पैदा करता है.
अगर मंत्र जप या साधना सिद्धि के दौरान होने वाली सूक्ष्म और जटिल प्रक्रिया को समझ लिया जाए तो इसमें मिलने वाली असफलता का निदान किया जा सकता है.
आइये Basic Reason of Unsuccess in Sadhna / साधना में असफलता मिलने के कारण के बारे में ज्यादा डिटेल से जानते है.
मात्रा की कमी
आपके कोशिश करने के बाद भी अगर साधना में असफलता मिल रही है तो इसका कारण हो सकता है सही मात्रा की कमी. वैसे तो हर साधना में मंत्र जप की एक नियत मात्रा होती है लेकिन, किसी व्यक्ति के लिए ये ऊपर निचे भी हो सकती है.
अगर साधना के दौरान मंत्र जप पूरा होने के बाद भी आपको अनुभव नहीं मिल रहे है तो आप इसकी मात्रा को बढाने की कोशिश कर सकते है.
मंत्र जप की मात्रा का कम पड़ना आपके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है. जैसे जैसे हम बड़े होते है हमारा मन तार्किक होता जाता है और हर स्थिति को शक से देखना शुरू कर देते है.
ये सबसे बड़ा और Basic Reason of Unsuccess in Sadhna है जिसे समझकर ही आप साधना में सफलता हासिल कर सकते है.
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कर्म देव का नियत मात्रा में मंत्र जप
हर मंत्र से जुड़ी एक कर्म देवी या देवता होता है. अगर व्यक्ति या साधक जो मंत्र का जप कर रहा है उसके पीछे के कुछ बुरे कर्म किये हुए है तो उसका प्रभाव साधना पर ना पड़े इसके लिए नियत मात्रा में मंत्र के कर्म देवी देवता का मंत्र जप होता है.
अगर आप भी मंत्र साधना के दौरान सीधे मंत्र का जप कर रहे है तो ये ऐसे काम शायद ना करे.
मंत्र जप के दौरान साधना का फल आपको ही मिले इसके लिए पहले साधना में कर्म देवी देवता का जप होता है. कर्म जैसे की वशीकरण, मारण, स्तम्भन इसके लिए आप कोई भी तंत्र साधना से जुड़ी बुक या फिर असली प्राचीन महा-इंद्रजाल को पढ़े.
साधक के अपने अवरोध
आमतौर पर आपको लग रहा होगा की हम दिनभर में जो भी अपने बारे में बोलते और आकलन करते है उसका क्या ही असर होता होगा. ये एक ऐसा Basic Reason of Unsuccess in Sadhna है जिसे आमतौर पर ज्यादातर साधक इग्नोर करते है.
क्या आप जानते है खुद को लेकर हम जो कुछ भी बोलते है उसका सीधा असर हम पर पड़ता है.
आपका अंतर्मन सबकुछ नोटिस करता है और हम जानते है की अवचेतन मन किसी बच्चे की तरह होता है जो अच्छे और बुरे में फर्क नहीं करता है, सीधे ग्रहण करता है.
साधना के दौरान असफलता के कारण में से एक आपका खुद को लेकर गलत आकलन या फिर मंत्र साधना को लेकर आत्मविश्वास की कमी भी हो सकता है.
मंत्र साधना और जप के दौरान भी साधक को गलत आचरण ना करने, निंदा और पर निंदा, तामसिक भोजन ना करने की हिदायत इसी वजह से दी जाती है.
इस Basic Reason of Unsuccess in Sadhna को अच्छी तरह फॉलो किया जाए तभी साधना में सफलता संभव है.
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मंत्र के साथ किसी तरह के विपरीत मंत्र का जप करना
कई बार सौम्य साधना के साथ साधक तामसिक मंत्र की साधना करना शुरू कर देता है. ऐसा भी होता है की एक मंत्र साधना में जप के बाद सफलता नहीं मिलती है तो दूसरी साधना शुरू कर देते है जो की विपरीत कर्म की होती है.
सत्व गुण की साधना के साथ तमोगुण की साधना नहीं करनी चाहिए. जब तक दोनों मंत्र जप समान मात्रा में नहीं होते है इसका प्रभाव नहीं देखा जा सकता है.
मंत्र जप की मात्रा का ये संतुलन आपको साधना में सफल बनाता है. इसे समझे बगैर आप साधना में सफल नहीं हो सकते है.
इन सभी Basic Reason of Unsuccess in Sadhna को समझ लिया तो आपके लिए वशीकरण में सफलता हासिल करना आसान हो जायेगा.