सहस्रार चक्र जागरण के मुख्य लक्षण क्या आप इन खास बदलाव को अनदेखा तो नहीं कर रहे ?


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crown chakra activation symptom in hindi. sahsrar chakra jagran me badlav ke mukhy lakshn kya h. क्या आप भी सिरदर्द से परेशान रहते है ? आपको नींद लेने में समस्या आ रही है ? क्या आप चाह कर भी अपने दिमाग में चलती हलचल को रोक नहीं पाते है ?

अगर ये सब आपके साथ रहा है तो ये आपके सहस्रार चक्र जागरण के लक्षण हो सकते है. आज बात करते है मुख्य लक्षण की जो सहस्रार चक्र जागरण के समय महसूस किये जा सकते है.

सहस्रार चक्र जागरण में हमें कई आध्यात्मिक और भौतिक बदलाव महसूस होते है जिनमे सबसे ज्यादा है दुसरो से दुरी बना लेना.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
सहस्रार चक्र जागरण

आज की पोस्ट में हम सहस्रार चक्र जागरण से हमारे अंदर आने वाले बदलाव और अगर sahsrar chakra Blockage हो जाये तो उसे दूर कैसे करे जानेंगे.

शरीर में सप्त चक्र हमारे अलग अलग व्यक्तित्व का निर्धारण करते है ये चक्र पूजा पथ, व्यव्हार और रंग से प्रभावित होते रहते है.

सहस्रार चक्र जागरण में हमें कुछ लक्षण पर ध्यान देना चाहिए जिससे हमारा सहस्रार चक्र जागरण बिना किसी ब्लॉकेज की समस्या के आसानी से हो जाये।

सहस्रार चक्र जागरण-Crwon chakra symptom

सहस्रार चक्र हमारे आध्यात्मिक रूप का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसके जागरण के समय हम आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह के लक्षण महसूस किये जा सकते है।

हमारे व्यव्हार और आध्यात्मिक स्वरूप से जुड़ाव में महत्वपूर्ण बदलाव होते है जिन्हें हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए।

निचे दिए कुछ मुख्य लक्षण जो आप हम सब महसूस कर सकते है।

अलगाव-DETACHMENT

इस अवस्था को आप सबसे पहले देख सकते है की हम दूसरों से दूर रहने लगते है ज्यादा से ज्यादा एकांत में वक़्त बिताना इसका मुख्य लक्षण है।

और भी कई बदलाव व्यव्हार में नोट किये जा सकते है। दोस्तों में बदलाव आ सकता या फिर हमारे दैनिक जीवन के वयवहार और रहने सहने ( लाइफस्टाइल ) में बदलाव देखा जा सकता है.

जब ये सब होता है तब हम ज्यादा से ज्यादा अंदर की ओर बढ़ने लगते है. खुद को जानने की कोशिश करते रहते है.

आप जितना ज्यादा सिखने लगते है उतना ही कम बोलने लगते है। ये इसलिए क्यों की कम बोलकर भी मतलब की बात समझा सकते है.

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शारीरिक बदलाव और सिरदर्द BODY PAIN AND HEADACHE

इस अवस्था में हमारे अंदर नकारात्मक विचारों, यादो और ऊर्जा के बिच टकराव होता है। इसलिए मस्तिष्क लगातार सिरदर्द महसूस किया जा सकता है। लगातर उन टकराव की स्थिति में मस्तिष्क के रहने और उस अवस्था को बनाए ( बुरे विचारों को दूर करना ) रखने के लिए मस्तिष्क बहुत श्रम करता है।

इसी वजह से सिरदर्द महसूस किया जा सकता है क्यों की मस्तिष्क पर मानसिक दबाव पड़ता है.

मस्तिष्क के ऊपरी भाग में दर्द या फिर गर्दन में दर्द महसूस किया जा सकता है। लगातार एक ही विचार मस्तिष्क में चलते रहने से भी मानसिक दबाव की स्थिति उत्पन हो जाती है।

Kundalini Meditation

लेकिन जब जागरण की अवस्था सहज हो जाती है तब ये स्थिति नियंत्रण में आ जाती है।

उपाय : अगर आप फिर भी लगातार सिरदर्द या मस्तिष्क में चलते विचारो से परेशान रहते है तो अपनी आँखे बंद कर मस्तिष्क चलते विचार पर फोकस होने की कोशिश करें।

इससे आप ये विचार या तो रोक पाएंगे या फिर उसके मस्तिष्क में दोहराने का कारण समझ जायँगे। तब आप आसानी से इसे रोक पाएंगे। इसके लिए आप भावना शक्ति का अभ्यास करे ये इसमें ज्यादा प्रभावी होगा।

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भोजन में बदलाव FOOD PATTERN

जागरण की अवस्था के वक़्त मस्तिष्क में जो बदलाव आते है उसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है इसी वजह से हम शारीरिक विकास वाले भोजन लेना शुरू कर सकते है या फिर पिछली जिंदगी में जिस खाने चाहत थी उसे लेना शुरू कर सकते है।

इस दौरान खाने को लेकर ज्यादा जागरूक हो जाते है।

सोने में बदलाव SLEEPING PATTERN

सोने का सामान्य समय 7-8 घंटे है। लेकिन जागरण अवस्था में इसमें बदलाव आने लगता है क्यों की हम मानसिक स्तर के बदलाव से जूझते है जिसका असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। इसी वजह से शरीर ऊर्जा में आया बदलाव हमारी नींद को प्रभावित करता है।

जैसे सोने का तरीका बदलना या वक़्त बदल जाना उदहारण के तौर पर रात्रि को लेट सोना।

इसकी वजह मस्तिष्क में बार बार चलते विचार भी हो सकते है। खुद से बात करते रहना, खुद से ही बहस करते रहना इसका उदहारण है।

किसी को सोते वक़्त पसीना ज्यादा आता है तो कोई इस वजह से थक जाता है की उसके मस्तिष्क में विचार की सिलसिला ख़त्म ही नहीं होता है। इसी कारण ज्यादा सो जाता है।

“नींद मस्तिष्क और शरीर को आराम देने का माध्यम है”

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सहस्रार चक्र में के लक्षण

सहस्रार चक्र में अगर की समस्या उत्पन होती है  तब हमें भौतिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह के तनाव और बुरे अनुभव होते है। जैसे की

आध्यात्मिक बदलाव 

  • आपका अकेलेपन में रहने लगना, दूसरे से मिलने जुलने में असहजता महसूस होना।
  • पथ प्रदर्शन की कमी, अपने लक्ष्य से भटकने लगना।
  • अपने  लक्ष्य के निर्धारण में समस्या होना।
  • अपने आध्यात्मिक रूप से कटा कटा महसूस होना।

भौतिक लक्षण :

  • नर्व कोशिकाओं में तनाव जिससे हमारे शरीर के स्नायु तंत्र का सही तरह से काम न करना।
  • स्नायु तंत्र, और पीनियल ग्रंथि में समस्या उत्पन होना।
  • सरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्या होना।
  • तनाव और अवसाद का शिकार होना।
  • अनिद्रा का शिकार होना और सही तरह से सो ना पाना।
Crown chakra blockage को दूर करना

सहस्रार चक्र में या और किसी भी चक्र में Blockage वैसे तो को खत्म करने का सबसे अच्छा उपाय ध्यान है लेकिन अगर समस्या का समाधान अकेले ध्यान से नहीं हो पा रहा है तो आप चक्र हीलिंग स्टोन का भी इस्तेमाल कर सकते है।

इनसे निकलने वाली ऊर्जा चक्र पर सीधा असर डालती है।

सहस्रार जागरण का कोनसा कोनसा लक्षण आपने महसूस किया है कृपया कमेंट माध्यम से बताये। आज की पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट में आपके सुझाव आमंत्रित है।

आज की पोस्ट को पूरी तरह समझने के लिए निचे दी गई रिलेटेड पोस्ट भी जरूर पढ़े।

इससे आपको ज्यादा से ज्यादा समझने में मदद मिलेगी।

 

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