Kundalini Syndrome जिसे हम और भी कई नाम से जानते है जैसे की kundalini psychosis or transcendence एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे हम कुण्डलिनी जागरण के अनुभव के लिए तैयार नहीं होते है.
हम सब जानते है की कुण्डलिनी या फिर कुण्डलिनी शक्ति हमारे शरीर के 7 उर्जा केंद्र में बहने वाली प्राण उर्जा है. आमतौर पर ये 1-2 चक्र में ही फ्लो करती है लेकिन, मैडिटेशन, क्रिया योग और प्राणायाम के अभ्यास से ये हर उर्जा केंद्र में प्रवाह होना शुरू हो जाता है.
कई बार अभ्यास के दौरान हमें मस्तिष्क में एनर्जी के फंसे होने का अनुभव होता है. ऐसे अनुभव को kundalini psychosis or transcendence कहा जाता है जिसमे कुण्डलिनी उर्जा एक जगह फंस जाती है.
ये किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं है लेकिन, कुण्डलिनी जागरण के दौरान होने वाले अनुभव के लिए अगर हम रेडी नहीं होते है तो ये अनुभव हमें असहज बना देते है.
ये कोई खतरनाक अवस्था नहीं है बस आपकी एनर्जी एक ही जगह फंस रही है जिसे आपको शरीर के अलग अलग केंद्र में फ्री फ्लो करवाना है. Kundalini psychosis एक ऐसी अवस्था है जिसमे कुण्डलिनी उर्जा आपके शरीर के उपरी हिस्से में ही फंसी रह जाती है.
जब भी हम सांस से जुड़े मैडिटेशन या योग और प्राणायाम का अभ्यास करते है तब हमें ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है. ज्यादा से ज्यादा Mental activity करने की वजह से भी हमें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
अगर आप भी शरीर के उपरी हिस्से खासकर हेड में एनर्जी के दबाव को महसूस कर रहे है तो आपको यहाँ शेयर किये जाने वाले 10 टिप्स को फॉलो करना चाहिए.
What is Kundalini Psychosis or Transcendence
कुण्डलिनी शक्ति जागरण का अभ्यास करने के दौरान आपको अलग अलग तरह की Buzz sound सुनाई देती है. कुण्डलिनी वास्तव में हमारे शरीर में प्रवाह करने वाली प्राण उर्जा है जब यह एनर्जी 7 मुख्य उर्जा केंद्र का भेदन कर हर चक्र से गुजरते हुए ऊपर की तरह बढती है तब हमें दिव्य अनुभव होते है.
सबसे ज्यादा किये जाने वाला अनुभव शरीर में प्राण उर्जा की मात्रा को बढ़ता हुआ महसूस करना है.
क्या हो अगर ये एनर्जी आपको हर समय बैचेन कर दे ? kundalini psychosis or transcendence और कुछ नहीं ये अनचाहा अनुभव ही है.
ये एक ऐसा अनुभव है जिसमे हमारे शरीर में उर्जा का बहाव पूरे शरीर में होने की बजाय किसी एक हिस्से में महसूस होने लगता है. ये उर्जा आपके उपरी हिस्से में खासकर हेड साइड में महसूस होने लगती है जिसकी वजह से आप हर समय बैचेनी महसूस करने लगते है.
कुण्डलिनी जागरण के दौरान Spiritual experience होते है लेकिन, अगर आप खुद को स्टेबल महसूस नहीं करते है तो यही अनुभव आपको बैचेन कर सकते है.
आज हम कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बात करेंगे जिन्हें आप kundalini psychosis or transcendence को दूर कर अपने एनर्जी को बैलेंस करने के लिए कर सकते है.
What is Kundalini Syndrome?
कुण्डलिनी जागरण को एक ऐसे अभ्यास के तौर पर जाना जाता है जो Healing, Spiritual experience, enlightening से जुड़ा हुआ है. ये अभ्यास आपके प्राण उर्जा की मात्रा को बैलेंस करता है और हम आगे के अनुभव के लिए रेडी होते है.
अगर यही प्राण उर्जा बढती चली जाए और पूरे बॉडी में फ्री फ्लो करने की बजाय शरीर के किसी एक हिस्से खासकर हेड में फंस जाए तो ?
Kundalini psychosis or transcendence की ऐसी स्थिति आपको physically and mentally unstable कर सकती है.
अगर आप प्राण उर्जा से जुड़े अभ्यास कर रहे है तो आपको सबसे पहले ध्यान देना होगा की आपके उर्जा चक्र सक्रिय हो क्यों की अगर प्राण उर्जा पूरे बॉडी में प्रवाह करने की बजाय किसी एक जगह पर फंसी रह जाती है तो ये आपको परेशान कर सकती है.
इस एनर्जी को बैलेंस रखने और पूरे बॉडी में एक जैसे प्रवाह के लिए कुछ प्रोसेस को फॉलो कर सकते है.
1. Lower the energy from head to belly
अगर प्राण उर्जा आपके शरीर के उपरी हिस्से में फंसी है तो Qi Gong technique called “Microcosmic Orbit” के जरिये इसे शरीर के निचले हिस्से में फ्लो करवाया जा सकता है.
इस तकनीक के अनुसार 3 महत्वपूर्ण उर्जा केंद्र होते है जो kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करते है.
- पहला आपके नाभि केंद्र में होता है जो नाभि से 1 इंच निचे की तरफ होता है.
- दूसरा solar plexus region यानि सहस्रार चक्र का स्थान
- तीसरा आपके हेड एरिया में स्थित आज्ञा चक्र
अगर आप कोई अभ्यास कर रहे है जिसकी वजह से आपके आज्ञा चक्र वाले स्थान में ज्यादा मात्रा में एनर्जी फंस गई है तो इस तकनीक का अभ्यास करते हुए आप उर्जा को फिर से नाभि केंद्र में ले जा सकते है.
- सहज ध्यान की मुद्रा में बैठ जाइए और अपने पीठ को सीधा रखे. खुद को एक पुतले की तरह फील करे जो तारो से जुड़ा हुआ है. तार का एक सिरा आपके हेड के निचले हिस्से से जुड़ा हुआ है. अब इस तार को ऊपर की तरफ खींचे. ये आपके हेड को सही स्थिति में लाने में मदद करता है.
- जीभ को मुह के उपरी हिस्से से टच करे और N बोलने की कोशिश करे.
- अब जब आप सीधे बैठे है, हेड सही पोजीशन में है और जीभ भी उपरी हिस्से में टच है तो आँखे बंद कर कल्पना करना शुरू कर दे. एक सुनहरा द्रव्य आपके हेड के उपरी हिस्से से निचे गिर रहा है जो आपके जीभ से होता हुआ गर्दन, पेट और अंत में नाभि केंद्र में जा रहा है.
- जितना ज्यादा अपने जीभ को आप पीछे की तरफ धकेलते है उतना ही द्रव्य निचे की तरफ जाता है. ( सनातन धर्म में इसे खेचरी मुद्रा का अभ्यास भी कहते है )
- जैसे जैसे नाभि केंद्र Dan Tien में ये द्रव्य जा रहा है वैसे वैसे एक सुनहरा प्रकाश आपके बॉडी में फील हो रहा है. अब आपका मस्तिष्क हल्का फील हो रहा है.
ये अभ्यास आपके मस्तिष्क के तनाव को सोल्व कर सकता है लेकिन ये 100% cure नहीं है. आपको अब भी उन ट्रिगर की तलाश करने की आवश्यकता है जिनकी वजह से ये स्थिति बन रही है.
अगर आप बार बार kundalini psychosis or transcendence से गुजर रहे है तो ये तरीका ज्यादा प्रभावी नहीं होगा.
अगर ऐसा ना हुआ तो यह प्राण उर्जा दोबारा उपरी हिस्से में फंस सकती है. हालाँकि आप Microcosmic Orbit technique के जरिये फिर से राहत महसूस कर सकते है लेकिन, इसे दोबारा होने से रोकना है तो इसकी पहचान करना ज्यादा बेहतर होगा.
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2. Perform mindfulness instead of one-point focus meditation
मैडिटेशन या त्राटक साधना के अभ्यास में खुद को एक जगह फोकस किया जाता है. हमारी चेतना को किसी एक बिंदु पर ठहराया जाता है लेकिन, ऐसा करना हर बार सही नहीं होता है.
अगर मैडिटेशन या त्राटक के बाद आपको अपने मस्तिष्क में भारीपन महसूस हो रहा है तो मैडिटेशन में एक जगह फोकस होने की बजाय वर्तमान में रहने की कोशिश करे. Mindfulness meditation किसी एक हिस्से से जुड़ा हुआ अभ्यास नहीं है.
ये आपके शरीर के हर हिस्से पर फोकस होता है जिसकी वजह से एनर्जी का प्रवाह हर हिस्से में बराबर बनता है. kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने के लिए
Mindfulness meditation आपकी Concentration को किसी एक जगह पर फोकस होने की बजाय हर केंद्र पर एक जैसा फ्लो करता है.
सिर्फ 15-20 minute एक सहज मुद्रा में बैठने और मस्तिष्क में आ रहे विचारो को फील करने से कुछ देर बाद ही आप अपनी चेतना में एक बदलाव को महसूस करने लगते है.
ये अभ्यास आपके मस्तिष्क में फंसी उर्जा को बॉडी के हर हिस्से में फ्लो करवाना शुरू कर देता है जिसकी वजह से आप जल्दी ही खुद को हल्का महसूस करना शुरू कर देते है.
जब भी आपको लगे की एनर्जी बॉडी के किसी एक हिस्से में फंस रही है तो मैडिटेशन की बजाय माइंडफुल का अभ्यास करना शुरू कर दे.
3. Use grounding exercises
ऐसे अभ्यास जिसमे हम बॉडी को पृथ्वी तत्व से जोड़ते है grounding exercises का हिस्सा है. kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने के लिए ये सबसे आसान तरीका है.
फिटनेस, क्यूई गोंग, योग और बायोएनर्जीटिक्स में कई बुनियादी अभ्यास हैं. मैं कुछ का उल्लेख करूंगा जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं और आप उन्हें अपने लिए आजमा सकते हैं:
- Squats – यदि आपका लक्ष्य सिर की ऊर्जा को कम करना है तो ये अभ्यास बहुत धीमे स्तर पर अपना असर दिखाता है.
- Ground breathing – अक्सर जब हमारी ऊर्जा बहुत अधिक अटक जाती है, तो पेट या श्रोणि (pelvis) में सांस लेना उतना प्रभावी नहीं होता है. इसके बजाय अपने पैरों की गेंदों में सांस लें और यह संतुलित हो जाएगा. पैरो के निचले हिस्से को दबाने और रिलीज़ करने से ये अभ्यास आसान हो जाता है.
- इलियट हुल्स का “चार्ज एंड ग्राउंड” बायोएनेरगेटिक रूटीन कभी -कभी मददगार होता है. आप इस अभ्यास की कोशिश कर सकते है.
kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने के लिए ये सब कुछ ऐसे अभ्यास है जो आपके शरीर की अतिरिक्त उर्जा को पृथ्वी में भेज देते है. सबसे बढ़िया अभ्यास है न्यास ध्यान का जो आपको 100% relief देता है.
4. Reduce fire and air elements in diet, relationships, and activities
अगर आप Spiritual practice से जुड़े हुए है तो आपको एलिमेंट के बारे में जरुर पता होना चाहिए. हमारे नेचर और व्यव्हार को प्रभावित करने में एलिमेंट का अहम् रोल होता है.
अगर आप इन तत्व को बैलेंस नहीं रखते है तो ये आपको परेशान कर सकते है.
बॉडी में वायु तत्व के असंतुलित होने की वजह से आपको दिमाग में उर्जा के फंसे होना का अनुभव होता है. क्रिएटिव लोगो में वायु तत्व प्रधान होता है लेकिन, संतुलित अवस्था में इसलिए वे बेहतर आईडिया इजाद कर पाते है.
अगर आप ठीक से सोच नहीं पा रहे है या फिर दिमाग में भारीपन महसूस कर रहे है तो समझ लीजिये की वायु तत्व आपके बॉडी के उपरी हिस्से में फंस गया है. kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने के लिए अग्नि और वायु तत्व को बैलेंस बनाए रखे.
शरीर में अग्नि तत्व की मात्रा के बढ़ने की वजह से भी आपको इस तरह प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है. आपको ऐसे लोगो से बचना चाहिए जिन्हें ज्यादा गुस्सा आता है.
ज्यादा से ज्यादा पृथ्वी तत्व से जुड़ने की कोशिश करे. गार्डन में घूमना, नेचर में, पालतू के साथ वक़्त बिताने से आप इसे कण्ट्रोल कर सकते है.
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5. Walk on rough and new natural terrain
शरीर के निचले हिस्सों पर फोकस करे ऐसी गतिविधि करना आपके एनर्जी को निचले हिस्से पर फोकस करने में हेल्प करता है.
नंगे पैर गार्डन में घूमना, प्रकृति में ज्यादा समय बिताने से आप उपरी हिस्से में फंसी हुआ प्राण उर्जा को शरीर के निचले हिस्सों में फ्लो करवा सकते है. पैदल चलते समय हर स्टेप पर फोकस रहे इससे धीरे धीरे अतिरिक्त उर्जा पृथ्वी में समा जाएगी और आप खुद को बैलेंस महसूस करना शुरू कर देंगे.
6. Eat a heavier breakfast
सुबह का नाश्ता आपको ज्यादा से ज्यादा फ्रेश बनाए रखता है. दिन की शुरुआत में सुबह नाश्ता जरुर करे. ये आपको kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने में हेल्प करता है.
आयुर्वेद के अनुसार सुबह का नाश्ता डिनर से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है इसलिए बेशक डिनर लेना भूल जाए लेकिन सुबह का नाश्ता लेना कभी न भूले.
हमारा पाचन तंत्र सुबह सबसे ज्यादा एक्टिव होता है ऐसे में नाश्ता करना उर्जा को बैलेंस बनाए रखता है वही नाश्ते को स्किप करने की वजह से आपको अग्नि तत्व में असंतुलन का सामना करना पड़ता है.
7. Avoid angry cultural products
मोटिवेशन के लिए आप मोटिवेशन स्पीकर को सुनते है. उन्हें ध्यान से सुने वे आपको असल में क्या दे रहे है ? Kundalini psychosis or transcendence को experience करने के पीछे आपके एंगर को ट्रिगर करना है.
कुछ मोटिवेशनल स्पीकर अपने लहजे में ऐसे वर्ड का इस्तेमाल करते है जो आपके गुस्से को ट्रिगर करते है. यही वजह है की आप उस समय किसी नए काम की शुरुआत के दौरान खुद को एक चैलेंज की तरह समझते है.
ये कुछ समय तक ही टिकता है उसके बाद ? Kundalini psychosis or transcendence आपको बैचेन फील करवा सकता है.
आप उस काम को करना बंद कर देते है. मोटिवेशन के लिए गुस्से को ट्रिगर करना सही नहीं है क्यों की गुस्सा सिर्फ कुछ समय तक ही अपना असर दिखाता है.
इसकी बजाय आप उन स्पीकर को सुनना शुरू करे जो किसी भी बात को गहराई से समझाते है. जब आप बारीकी से किसी बात को समझते है तो आपके लिए आगे बढ़ना आसान होता है.
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8. Write down your thoughts
मैडिटेशन के दौरान हमारे मस्तिष्क में विचारो की बाढ़ आ जाती है. दिनभर आपके दिमाग में वैसा आईडिया शायद ही आया होगा इसलिए ना चाहते हुए भी आप खुद को उस आईडिया से दूर नहीं कर पाते है.
ऐसे आईडिया को समझने और फॉलो करने के लिए उन्हें लिखना शुरू कर दे. Kundalini psychosis or transcendence को बैलेंस करने के लिए अपने दिमाग में घूम रहे आईडिया को लिखना शुरू कर दीजिये आपको आराम मिलने लगेगा.
जब आप अपने एक्टिविटी को लेकर जर्नल बनाते है या फिर डायरी लिखते है तो खुद को बेहतर समझ पाते है. जब आप आने वाले समय को लेकर सही प्लान बना सकते है तो जाहिर है की आपको परिणाम भी अच्छे मिलेंगे.
9. Take a warm shower or bath
Cold showers आपके बॉडी में energy and concentration को improve करता है लेकिन, जब आपके बॉडी में एनर्जी पहले से ही एक जगह फंसी हुई है तो warm shower or bath लेना आपके लिए ज्यादा सही है.
ये आपकी बॉडी की अतिरिक्त एनर्जी को दूर करता है और आपको जल्दी ही आराम महसूस होने लगता है. kundalini psychosis or transcendence करने के लिए आप हॉट शावर का इस्तेमाल कर सकते है.
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10. Recognize your triggers
हर व्यक्ति का अपना unique combination of elements and different personality होता है जो उसके कर्म पर आधारित होता है. हो सकता है जो चीजे मुझे प्रभावित कर रही है वो आपको ना करे.
जब आप खुद को वासना से दूर कर लेते है और ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर देते है तब आपको शरीर में उर्जा एक जगह फंसी हुई महसूस होने लगती है.
ये एनर्जी आपको हर समय बैचेन और परेशान करना शुरू कर देती है जिसकी वजह से ये उन गतिविधि को ट्रिगर करती है जिनसे आप दूर भागने की कोशिश कर रहे थे.
आप चाहे तो अभ्यास के दौरान Self-reflection टूल का प्रयोग कर सकते है. ये आपको खुद को बेहतर समझने और kundalini psychosis or transcendence को दूर करने में हेल्प करेगा.
हर किसी के लिए उर्जा को बैलेंस करने के तरीके अलग है इसलिए कभी भी एक ही तरीके को फॉलो ना करे. How to deal with kundalini psychosis or transcendence in Hindi टिप्स को बदल बदल कर फॉलो करे और जो बेहतर हो उसका अभ्यास करे.