मूठ चलाना जिसे कुछ जगह निशिदाग भी कहते है, एक ऐसी शक्ति जिसका प्रयोग तांत्रिक लोगो को मारने या उस जगह से भगाने में करते है. बचपन में आपने सुना होगा की आसमान में एक हांड़ी भर्र भर्र करती हुई उड़ रही थी और उसमे अंगारे निकल रहे थे. आइये जानते है मूठ चलाना यानि निशिदाग के बारे में.
ये महज कहानी नहीं बल्कि मूठ की सच्चाई है. आज भले ही इस तरह की बातो में कोई विश्वास करे न करे लेकिन आज से ही 10-20 साल पहले इसके प्रयोग से जुड़ी बाते सुनने को मिल जाती थी.
अगर कोई भी गहन रात्री के समय आपके नाम को 3 बार पुकारे या आपको आवाज दे तो बोलना मत, ये मूठ चलाना यानि निशिदाग हो सकती है जिसका प्रयोग आप पर किया गया हो.
मूठ चलाना तांत्रिक अभिकर्म के उचाटन और मारण कर्म के अंतर्गत आता है. इसके जरिये आप किसी को बेहद बीमार कर सकते हो या मार सकते हो. ज्यादातर केस में इसका प्रयोग सिर्फ मारण में किया गया है.
निशिदाग यानि मूठ से जुड़ी कुछ सच्ची घटना भी है जिन्हें मै आज शेयर करने वाला हूँ. चलिए जानते है तंत्र के खतरनाक प्रयोग में से एक मूठ चलाना यानि निशिदाग के बारे में.
मूठ चलाना यानि निशिदाग क्या है
आप इसे तांत्रिक अभिकर्म का मारण कर्म कह सकते है जिसके जरिये हम किसी से भी पर्सनल दुश्मनी के चलते बिना किसी शक के उसे मार सकते है. मूठ चलाना / हंडिया छोड़ना / निशिदाग / दिये का चलना ( इसके बारे में पहले ही शेयर किया जा चूका है ) के ये सभी एक ही प्रोसेस है.
शमसान में जानकर एक कच्ची हंडिया को अभिमंत्रित कर उसमे जलते दिए रखना और शैतानी शक्ति को यानि किसी भटकती आत्मा को उस पर सवार कर देना होता है. इसके बाद मंत्रोचारण के जरिये उस व्यक्ति का नाम लिया जाता है जिस पर शक्ति को छोड़ना है.
जब इस हंडिया को कहा जाता है चल और जा उस अमुक व्यक्ति के पास तो वो हंडिया हवा में उड़ते हुए उस व्यक्ति के पास जाती है. ये शक्ति उस व्यक्ति को दिखाई भी दे सकती है और नहीं भी. तीन बार नाम पुकारने तक अगर व्यक्ति जवाब दे देता है तो वो शक्ति हंडिया से निकल कर उस व्यक्ति पर हावी हो जाती है और धीरे धीरे मौत का कारण बन जाती है.
मूठ चलाना यानि निशिदाग जैसा अनुभव आज भी गाँवो में मारण क्रिया के लिए किया जाता है. सुनसान जगह पर भर्र भर्र करती एक हंडिया आपको दिखाई देगी.
अगर 3 बार तक ना बोले तो वो शक्ति वापस प्रयोग करने वाले के पास लौट जाती है. ये कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है. कुछ तांत्रिक इसका नाम लेकर लोगो को ठगने का काम भी करते है क्यों की लोगो को ये सही लगता है.
मूठ चलाना आसान लेकिन वापस मोड़ना नहीं
मूठ चलाना जितना आसान है उससे कही ज्यादा मुश्किल काम है उसके असर को काटना. अल्पज्ञान वाले लोग इसका प्रयोग तो कर सकते है लेकिन इसे वापस कैसे किया जाता है नहीं जानते है.
शायद आपको डराने के के लिए ऐसा कहा भी होगा की “मूठ चलाना यानि निशिदाग का प्रयोग तो में कर दूंगा लेकिन एक बार सोच लो में इसे वापस नहीं कर पाउँगा”.
इसकी कुछ भी वजह हो सकती है जैसे की सही ज्ञान का अभाव या फिर निशिदाग की शक्ति जिसे कण्ट्रोल करना तांत्रिक के बस की बात नहीं.
उच्च स्तर के जानकार ही इसका प्रयोग निष्फल कर सकते है और बचाव कर सकते है.
निशिदाग का प्रयोग बेहद खतरनाक बताया जाता है क्यों की इसमें हमें जब तक पता चलता है की बिमारी क्या है व्यक्ति की मौत हो जाती है.
ये बेहद तीव्र गति से अपना प्रभाव डालता है जिसकी वजह से व्यक्ति का शरीर कमजोर हो जाता है और जल्दी ही उसकी मौत हो जाती है.
वैसे तो मूठ तभी काम करती है जब आप उसे 3 बार पुकारने के दौरान जवाब दे लेकिन इसका मायाजाल बेहद खतरनाक होता है. कुछ जगहों पर जहाँ इसे निशिदाग के नाम से पुकारा जाता है, एक साकार रूप में देखने का भी जिक्र है.
mooth chalana or nishidag एक साकार रूप
मूठ चलाना यानि निशिदाग से जुडी ऐसी कुछ घटनाए या कहानिया सामने आई है जिसमे लोगो ने रात्री में किसी व्यक्ति को घर के बाहर दरवाजा खटखटाते हुए आवाज देते सुना है.
उनका कहना है की रात को उनके घर का दरवाजा बजता है और उनके नाम से आवाज आती है जिसमे कई बार तो जैसे उनका कोई परिचित ही उन्हें आवाज दे रहा हो, जानकार लोग इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते है जब तक की आवाज देने वाला उन्हें 3 बार से ज्यादा न पुकारे.
जो लोग इस तरह की बातो पर विश्वास नहीं करते है वो आवाज पर जवाब दे देते है और घर से बाहर निकल कर देखते है लेकिन उन्हें कोई दिखाई नहीं देता है.
लोगो के अनुसार निशिदाग और मूठ / चौकी एक जैसी ही शक्ति है लेकिन निशिदाग एक साकार शक्ति है.
पारलौकिक शक्ति आपके किसी अपने का रूप लेकर आपको बुलाती है और आप आवाज के पीछे चले जाते है.
सुनसान जगह पर वो आवाज और किसी का दिखना बंद हो जाता है तब आपको अहसास होता है की आप गलत जगह चले गए है और इसी दौरान वो शक्ति आपको मार देती है.
हालाँकि आज के समय में इस तरह की बाते लोगो को महज किस्से कहानी जैसी लगती है लेकिन मूठ चलाना यानि निशिदाग वास्तविक है. इसका प्रयोग करने से पहले तांत्रिक भी सोचते है.
अब यहाँ एक सवाल बनता है की क्यों करवाते है कुछ लोग इसका प्रयोग तो आपको बता दे की जाहिर सी बात है बिना किसी शक के दायरे में आये आपका काम हो जाता है और आपका दुश्मन ख़त्म हो जाता है.
इसकी कई वजह हो सकती है. कुछ वजह जिन्हें निचे शेयर किया जा रहा है इसे आप देख सकते है.
पारिवारिक दुश्मनी और मूठ चलाना यानि निशिदाग का घातक प्रयोग
ऐसे समाज जहाँ पर पीढ़ी दर पीढ़ी पारिवारिक दुश्मनी होती है इसका प्रयोग कर सकते है.
परिवार की आपसी अनबन के चलते घर के युवा बेटे या सदस्य पर इसका प्रयोग किया जाता है जिससे की किसी का वंश ख़त्म हो सकता है या फिर परिवार तबाह हो सकता है.
इसमें सबसे बड़ा फायदा है की कोई आप पर शक भी नहीं करता है और आपका बदला भी पूरा हो जाता है.
लेकिन फिर भी कुछ लोग इसका पता कर लेते है और फिर वो उस पर छोड़ देते है. इसका असर कई बार पीढियों तक देखा जाता है.
व्यापारिक दुश्मनी
business में आपके compititor होना स्वभाविक है लेकिन जब कोई व्यक्ति दुसरो से आगे निकल जाता है तो दुसरे उससे जलने लगते है.
एक अच्छे खासे व्यक्ति की अचानक मौत हो जाना वो भी ऐसी बीमारी से जो पकड़ में ही ना आये, ये सब किसी शैतानी शक्ति से ग्रस्त व्यक्ति के हो सकते है.
बिना शक में आये अपने से पावरफुल व्यक्ति को रास्ते से हटाना
कुछ ताकतवर लोग अपने से कमजोर लोगो को सताते रहते है. जब ये जुल्म हद से बढ़ जाता है तो वो लोग उस व्यक्ति पर शतानी शक्ति का प्रयोग कर देते है.
इससे वो उस व्यक्ति से छुटकारा भी पा लेते है साथ ही कोई उन पर शक भी नहीं कर सकता है.
देखा जाए तो indirectly इसका प्रयोग किया जाता है.
मूठ चलाना यानि निशिदाग ऐसी शतानी शक्ति है जो ये काम कर देती है और आसानी से शक भी नहीं जाता है क्यों की आधुनिक लोग इसे मानते ही नहीं है.
मूठ चलाना यानि निशिदाग से जुड़ी कुछ सच्ची घटनाए
इस शक्ति से जुडी कुछ सच्ची घटना जो में आपको बताने जा रहा हूँ उसमे से 2 मेरे आसपास की है क्यों की मै ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखता हूँ.
paranormal incident होना एक आम बात है और आज के समय में कुछ जगह का वातावरण इतना कलुषित हो चूका है की आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते की कोई आप पर किसी तरह की खतरनाक शक्ति के प्रयोग कर रहा है.
लोग ऊपर से दिखावा करते है की वो आपके हितेषी है लेकिन अन्दर से आपके ही रिश्तेदार आपसे जलन रखते है.
हालाँकि ये घटनाए सच्ची है लेकिन अगर आपको इन सब पर विश्वास न हो तो इसे महज कहानी समझ कर अपना entertainment करे.
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दिया चलता हुआ दिखना
बचपन में हम दोस्त गाँव के बाहर शाम को खेल रहे थे. ये जगह गाँव और खेतो के बिच की थी तो यहाँ किसी का कोई हक़ नहीं था और हम सभी आराम से खेल सकते थे.
कुछ लोग वहाँ पर अपने खेल से जुड़े अभ्यास करते थे. एक दिन खेल खेल में हमें शाम हो गई, सूरज ढल चूका था और रात का अँधेरा होने लगा.
अचानक खेलते खेलते ही हमारी नजर कुछ दुरी पर हवा में उड़ रहे एक दिए जैसी चीज पर पड़ी. उए एक लौ जैसी थी और आवाज करती हुई हवा में उड़ी.
पहले तो हमें लगा की कोई किसान होगा जो इस वक़्त घर लौट रहा है लेकिन बाद में कुछ लडको ने कहा ये तो हवा में इतना ऊपर है की कोई किसान नहीं हो सकता है.
डर की लहर हम सब में दौड़ पड़ी और सभी वहाँ से तुरंत भाग गए. घर वालो को जब ये बात बताई तो उन्होंने कहा की अब इतने देर तक बाहर मत खेलना.
हालाँकि शायद बड़े लोग मूठ चलाना यानि निशिदाग के बारे जानते थे लेकिन बच्चे डर ना जाए इसलिए सच्चाई छुपाये रखी.
दुसरे दिन हम सभी गाँव के बाहर खेल रहे थे तो कुछ ने प्लान बनाया की देखे तो सही वो चीज आखिर गई कहा थी ?
उस दिशा में चल पड़े जहाँ वो दिया जाता हुआ दिखाई दिया था. आगे चलकर एक पुराना पेड़ दिखाई दिया जिसके तने पर एक माला थी, निचे कुछ मिठाई और सामग्री पड़ी थी.
वहाँ पर एक दीपक भी था. उस घटना के बाद कभी हिम्मत नहीं हुई की वहाँ दोबारा जाए.
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दोस्त के भाई की अचानक मौत हो जाना
ये बात लगभग 6 साल पहले की है. घर से बाहर रहने की वजह से जब भी घर जाता तो सभी जानकार के घर जाता था और मिलता था. मेरे दोस्त का एक बड़ा भाई था जिसकी मौत हो चुकी थी.
जब कहा की वो तो यार अच्छा खासा था उसे क्या हो गया तो दोस्त ने बताया की किसी ने उस पर चौकी छुडवा दी थी.
इस तरह का मूठ चलाना यानि निशिदाग का अनुभव वे पहले भी कर चुके थे.
कुछ लोग थे उनके परिवार / पड़ोस में जो उनसे नफरत करते थे और उनके साथ लड़ाई भी हो गई थी.
अचानक ही बीमार पड़ने और मौत हो जाने की वजह से उन्हें शक हुआ तो उन्होंने किसी तांत्रिक से ( औघड़ ) संपर्क किया उसने उन्हें बताया की किसी ने चौकी छोड़ी है.
लेकिन अब देर हो चुकी थी और उसका कोई बचाव भी वो लोग नहीं कर पाए थे.
रात्री को आवाज सुनाई देना
गाँव में अक्सर बड़े-बूढों के पास बैठते रहने की वजह से उनके किस्से सुनने को मिलते थे. ज्यादातर सिर्फ काल्पनिक थे लेकिन कुछ में सच्चाई भी थी.
उनमे से एक थी जोहड़ के पास भूत से टकराव की, अंगारों की बारिश की और किसी के पुकारने की. मूठ चलाना यानि निशिदाग के दौरान कभी भी घबराए नहीं.
कुछ बुजुर्गो का कहना था की ठाकुर के समय रात को किसी के द्वारा उन्हें अक्सर उनके नाम पुकारने की आवाज सुनाई देती थी लेकिन वो इसे जानते थे इसलिए घर से बाहर नहीं निकलते थे.
कुछ लोग जो इस पर विश्वास नहीं करते थे वो बाहर निकल कर देखने की कोशिश करते तो उन्हें किसी के होने का बस अहसास होता था, दिखाई कुछ नहीं देता था.
इस तरह के मूठ चलाना यानि निशिदाग के सच्चे अनुभव जो मेने शेयर किये है हो सकता है किसी को कल्पना लगे लेकिन अगर आप बुजुर्गो से आज भी पूछोगे की क्या ऐसा कुछ आपके समय होता था तो वो आपको जरुर बतायेंगे.
दोस्तों हमारा मकसद किसी तरह के अन्धविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है.
यहाँ शेयर की गई जानकारी सिर्फ आपको बताने के लिए है जिसे आप माने तो ठीक न माने तो कल्पना या कहानी समझ सकते है. पारलौकिक जगह के कई रहस्य जो आपको महज कल्पना या बच्चो को डराने का काम लगता हो सत्य भी हो सकता है.
मूठ चलाना यानि निशिदाग आप क्या सोचते है ?
दोस्तों आज की पोस्ट पारलौकि जगह की रहस्यमयी शक्तियों से आपको अवगत कराने की एक कड़ी है.
आप इसके बारे में क्या सोचते है और आपके यहाँ स्थानीय भाषा में इसे किस नाम से जाना जाता है या फिर किसी अपने के साथ कोई अनुभव अगर आपने किया है तो कमेंट में जरुर शेयर करे.
मूठ चलाना यानि निशिदाग जैसी मारण शक्ति का प्रयोग करने से पहले तांत्रिक भी सोचते है इसलिए आप अंदाजा लगा सकते है की ये कितना खतरनाक हो सकता है.
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