Spiritual journey के दौरान हमें कई तरह के अनुभव होते है, कुछ अच्छे तो कुछ बुरे अनुभव. अगर हमारे अनुभव सही है तो हम खुद को मोटीवेट करते हुए आगे बढ़ते जाते है लेकिन क्या होगा अगर हमारे अनुभव अचानक इतने तेज हो जाए की हम समझ ही ना पाए की क्या करना चाहिए.
कई बार आध्यात्मिक अभ्यास जैसे किसी साधना में हमें अनुभव इतने ज्यादा और तेजी से होने लगते है की हमारे विवेक काम ही नहीं कर पाता है.
ऐसी स्थिति को Spiritual Emergency के नाम से जाना जाता है. कुछ ही समय में ये आपको पूरी तरह बदल सकती है.
ऐसी स्थिति में हम समझ नहीं पाते है की हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं. क्या हमारे अनुभव गलत है या हम कुछ गलत कर रहे है ?
नहीं हमारी साधना सही है लेकिन हमारी स्थिति ऐसी नहीं की हम खुद को इस Emergency के खिलाफ तैयार कर पाए. साधना हमारे अन्दर के रहस्यों को पहले उजागर करती है और ये प्रक्रिया स्वाभाविक है लेकिन, अगर यही प्रक्रिया अचानक और तेजी से होने लगती है तो हम समझ नहीं पाते है.
Spiritual Emergency जैसी स्थिति में घबराने की जरुरत नहीं है क्यों की साधना गलत नहीं है. आपको जो अनुभव हो रहा है वो एक सामान्य प्रक्रिया है और आपको इसे समझते हुए आगे बढ़ने की जरुरत है. इसे ना समझ पाने की स्थिति में हमें शांति की जगह तनाव का अनुभव होना शुरू हो जाता है.
वैसे तो हम पहले की पोस्ट में आध्यात्मिक उदासीनता के बारे में बता चुके है लेकिन इस पोस्ट में हम कुछ खास बातो को समझने की कोशिश करेंगे.
What is Spiritual Emergency
जब कोई व्यक्ति आध्यात्म के रास्ते पर आगे बढ़ता है तो अलग अलग कंडीशन में उन्हें कई अलग अलग अनुभव होते है. Spiritual awakening के दौरान होने वाले अनुभव कई बार इतनी तेजी से होते है की अभ्यास करने वाले साधक उसे सहन नहीं कर पाते है.
अचानक होने वाले अनुभव साधक को डरा सकते है जिसका सीधा असर उसके दिमाग और शरीर पर पड़ता है. अगर spiritual Journey के दौरान अनुभव की बजाय साधक को Side effect का सामना करना पड़ता है तो ये स्थिति Spiritual Emergency कहलाती है.
इसे दुनिया के सामने लाने वाले Czech psychiatrists Stanislav and Christina Grof थे जिन्होंने अपनी 1989 book Spiritual Emergency में इसके बारे में पहली बार अपने विचार रखे थे.
ये स्थिति किसी की भी लाइफ में कभी भी हो सकती है. अगर आप किसी तरह का साधना अभ्यास न करते हुए सिर्फ spiritual path से spiritual crisis जुड़े हुए है तब भी आप इसके अनुभव कर सकते है.
ये अनुभव कई बार इतने भयानक होते है की साधक को सदमा लग सकता है जैसे की spiritual crisis यानि ऐसी स्थिति जिसमे हम जब भी कुछ आध्यात्मिक करना चाहते है हमारे आसपास की कंडीशन बहुत ज्यादा ख़राब हो जाती है.
आसान शब्दों में कहे तो में अपना ही अनुभव शेयर करूँगा. जब भी में साधना में बैठने की इच्छा करता था मेरे साथ ऐसी कोई न कोई स्थिति बन जाती थी की मुझे वो जगह छोड़कर बाहर जाना पड़ता था. ये स्थिति कुछ समय से लेकर कुछ सालो तक बनी रह सकती है.
हमें क्या क्या जानने की जरुरत है ?
इस पोस्ट में हमने Spiritual Emergency के दौरान होने वाले विपरीत अनुभव जिनकी वजह से ज्यादातर लोग डर जाते है के बारे में कुछ रहस्यों को जानने की कोशिश की है. आप चाहे तो इनके बारे में निचे के लिंक पर क्लिक कर मुख्य बातो को समझ सकते है.
- आध्यात्मिक आपातकालीन स्थिति के सबसे बड़े संकेत क्या है ?
- ऐसा होने की वजह क्या हो सकती है ?
- ऐसी कंडीशन में क्या क्या हो सकता है ?
- स्पिरिचुअल इमरजेंसी के प्रकार
- इससे बचाव कैसे किया जाए ?
आध्यात्मिक आपातकालीन से गुजरने के 15 सबसे बड़े संकेत
वैसे तो Spiritual experience हमारे लिए बढ़िया है लेकिन जब इसके अनुभव हमें फायदे की जगह परेशान करने लगे तो हमें रुक जाना चाहिए. हमारे लाइफ में ऐसे कई अनुभव होते है जो इशारा करते है की हम किसी तरह की Spiritual Emergency से गुजर रहे है. ये स्थिति हमें सिर्फ तकलीफ देती है जिन्हें में निचे शेयर कर रहा हूँ.
- आप दिनभर की क्रियाओ से भाग नहीं सकते है.
- आपको अपने jobs से सिर्फ इसलिए प्रॉब्लम हो रही है क्यों की इससे आप अपने अन्दर की संवेदनशीलता को छिपा नहीं पा रहे है.
- ऐसा लगता है मानो पूरी दुनिया की मुसीबत सिर्फ आपके लिए ही बनी हो.
- आपको सोने में तकलीफ हो रही है जिसकी वजह से आपको Night terror का सामना करना पड़ रहा है.
- आप आन्तरिक और बाहरी दुनिया दोनों के बिच ही कंफ्यूज होते जा रहे है.
- भावनाओ की बाढ़ जिसमे आप खुद को डूबता हुआ महसूस कर रहे है.
- आपको strange hallucinations के अनुभव होने लगे हो.
- आपकी real and logical अनुभव पर पकड़ कमजोर होने लगी है जो की psychotic-like symptoms में बदलने लगी है.
- आपने खुद को बाहरी चीजो से ज्यादा जोड़ लिया जिसकी वजह से खुद की चेतना को खो दिया है.
- कई बार vivid past-life flashbacks को भी अनुभव किया जा सकता है
- Strange sensations का अनुभव होना जैसे की vibration.
- आपने एक medically unexplained illness में खुद को फंसा लिया है.
- अचानक ही आपको ऐसे अनुभव होने लगे है जिनका आपस में कोई कनेक्शन हो.
- खुद को different dimension या फिर किसी तरह के Black Hole में फंसा हुआ पाना.
- आपको लगने लगता है की आप पागल से हो गए है.
ऐसा क्यों होता है ?
जो भी आध्यात्मिक अभ्यास करते है उनके साथ ऐसा होना आम बात है क्यों की समझने का स्तर सबका एक जैसा नहीं होता है. कुछ के लिए ऐसे अनुभव जल्दी ही समझ लिए जाते है जबकि कुछ लोग इसमें फंस कर रह जाते है. ऐसे कुछ Common Reason है जो spiritual emergencies के लिए जिम्मेदार माने जा सकते है जैसे की
- यह आपकी नियति थी : अचानक से होने वाले spiritual awakening process को अगर अपना लिया जाए और आगे बढे तो आपको विपरीत हालात में भी खुद को मजबूत बनाए रखने के अनुभव होने शुरू होते है. आप विपरीत हालात से गुजर कर खुद को बहुत आगे तक ले जा पाते है.
- आप मजबूत है इसलिए हालात ने आपको चुना : ज्यादातर लोग एक ही ढर्रे से जिंदगी को जीते है. Spiritual path में भी यही होता है यहाँ पर कंडीशन का मतलब beliefs, ideas, habits, and patterns जो हमें समाज से मिले है से है. इन्हें तोड़कर या इनमे बदलाव कर अगर आप आगे बढ़ते है तो इसका मतलब है की आप स्ट्रोंग है और इसी वजह से आपको चुना गया है.
- आप दूसरो से अलग है : अगर बात करे spiritual awakening process की तो आपको forces of the unconscious mind or “spirit realm” से connect करना इसका एक बहुत बड़ा पार्ट है. आपको अनुभव होते है लेकिन चूँकि हम इसके लिए तैयार नहीं होते है या यू कहे की इसे कैसे हैंडल किया जाए इसके बारे में नहीं जानते है इसलिए ये अनुभव सुखद होने की बजाय भयावह होने लगते है.
- बीते कल के कर्म इसमें बाधा बनते है : कुछ धर्म के अनुसार हमारे unresolved trauma from our past lives हमारा पीछा नहीं छोड़ते है जो पूरी जिंदगी हमें परेशान कर सकते है. लेकिन ऐसा भी हो सकता है की Spiritual Emergency के जरिये ये कर्म हमारे अभ्यास के जरिये सही होने के लिए हमें परेशान कर रहे हो. सही तरह से इन्हें डील कर हम Past life regression का उपाय अपना सकते है जो हमारे आने वाले कल को सही बना देता है.
- आप बहुत ज्यादा सवेंदनशील है : इसकी एक वजह आपका sensitive and emphatic होना भी है. ऐसे लोग अभ्यास के दौरान खुद को इस कदर जोड़ लेते है की अनुभव उन्हें तकलीफ देने लगते है. जैसा की अक्सर देखने को मिलता है की हम किसी का दुःख देखकर खुद को भी दुखी कर लेते है.
ये सभी ऐसी वजह है जिन्हें साबित भले ही न किया जा सका हो लेकिन spiritual emergency के लिए जिम्मेदार होती है. अगर आप इन्हें रोकना चाहते है तो आपको इन्हें एक मकसद देने की जरूरत होती है.
Spiritual Emergency or Mental Illness का अनुभव
हमारे मन में ये सवाल अब जरुर आ रहा होगा की आखिर ये है क्या ? किसी तरह का psychotic break, manic-depressive episode या फिर mental illness.
इसका जवाब देना बेहद मुश्किल है क्यों की ये कोई एक पर्टिकुलर स्थिति नहीं है.
ऐसा इसलिए क्यों की हम इसे समझ नहीं पाते है. इसके अनुभव भयावह होते है और हम जब mental health system से गुजरते है तो काफी सारी high doses of medication की हेल्प से इसे दबा दिया जाता है. विज्ञान आज भी Spiritualism में believe नहीं करता है. परिवार ऐसे लोगो को अपना नहीं पाता है और सोसाइटी उन्हें जगह नहीं देती है. ऐसी कंडीशन में कोई भी व्यक्ति खुद को बीमार समझने लगता है.
एक व्यक्ति जो spiritual emergency से गुजर रहा है उसके लिए mental health system या फिर psychiatric unit कोई भी सेफ नहीं है.
मेडिकल लाइन में इसका कोई इलाज नहीं है. वे आपको सिर्फ ऐसी दवाई दे सकते है जो इसके लक्षणों को दबा सके. आमतौर पर किसी तरह का भ्रम होना जैसी स्थिति पैदा कर आपको वास्तविक अनुभव करने से रोका जाता है. इसे विज्ञान भले ही इलाज माने लेकिन ये कोई समाधान नहीं होता है.
ऐसी स्थिति में क्या होता है
अगर आप किसी तरह की आपातकालीन स्थिति का सामना कर रहे है और इसी दौरान आपको हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़े तो क्या होगा. वहां आपकी स्थिति को समझने वाला कोई नहीं होता है इसलिए आपको ऐसी दवाई दी जाती है जो आपको सही नहीं करती है बल्कि आपके अनुभव को दबा देती है.
ऐसी स्थिति में आप natural cycle of the spiritual emergency से बाहर नहीं निकल पायेंगे और इसी में फंस कर रह जाते है.
अब आपको स्पिरिचुअल यात्रा के दौरान होने वाले अनुभव नहीं होंगे तो आपको लगेगा की आप सही हो गए है लेकिन अगली बार जब आप फिर से अभ्यास करेंगे तो वाही अनुभव होना शुरू हो जायेंगे और आपके मन में अनुभव को लेकर डर बैठ जायेगा. ऐसी स्थिति बहुत ज्यादा मुश्किलें पैदा कर देती है जिनसे बाहर आना कठिन होता है.
ऐसी कई मेडिकल फील्ड जैसे की Jungian and trans-personal therapists भी है जो spiritual psychology पर रिसर्च करती है. ये फील्ड खासतौर पर spiritual significance of symptoms पर ही रिसर्च करती है जिसे सही गाइड कर दूर किया जा सकता है.
अगर आपको हेल्प चाहिए तो किसी डॉक्टर की बजाय ऐसे ही किसी एक्सपर्ट की सलाह ले जो इसमें परफेक्ट हो और समझ सके.
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Spiritual emergency or a psychosis?
ये दोनों ही अलग अलग चीजे है जिन्हें समझने के लिए आपको गहरी स्टडी की जरुरत पड़ेगी. कई बार ऐसे अनुभव होते है जो की इन्हें दोनों ही कंडीशन में रखा जा सकता है जबकि कई बार दोनी ही स्थिति में से नहीं होते है. इसलिए दोनों को अलग अलग समझना बेहतर रहेगा.
जैसा की लुकास लिखते है में अपना समय इन चीजो को समझने में ज्यादा बर्बाद नहीं करता हूँ. में मान लेता हूँ की ये psyche’s attempt है जिन्हें मुझे सही करना है.
ऐसा करने से होने वाले सभी अनुभव को हम स्वीकार कर लेते है और फिर हमें इससे कोई प्रॉब्लम नहीं होती है.
अगर आप चाहते है की आपको ऐसे लोगो से मदद मिले जो आपको इस स्थिति से बाहर निकाल सके तो सबसे पहले आपको spiritual emergency को positive lens की मदद से समझना चाहिए न की नेगेटिव नजरिये से. आइये जानते है की इसके कितने प्रकार हो सकते है.
आध्यात्मिक आपातकालीन की स्थिति के प्रकार
मुख्य रूप से इसके दो ही प्रकार है
- Mystical Psychosis (hallucinations, mania, etc.)
- The Dark Night of the Soul (depression)
इस तरह के अनुभव में हमें कुछ ऐसे फिगर दिखाई देते है जो की हमारे ही Energy flow पर निर्भर करते है. अगर आपको किसी तरह की सकारात्मक पुण्यात्मा दिखाई देती है तो इसका मतलब है की सकारात्मक उर्जा बढ़ रही है.
वही Spiritual Emergency की वजह से अगर नेगेटिव एनर्जी का फ्लो बढ़ता है तो आपको नकारात्मक शक्तियां दिखाई दे सकती है जैसे की Shadow person या फिर sleep paralysis की कंडीशन जिसमे आपको dark demonic entity दिखाई देती है लेकिन हकीकत में होती नहीं है.
जैसा Energy flow होता है हमें वैसे ही अनुभव होने शुरू हो जाते है. Mystical Psychosis के अनुसार ऐसा तब होता है
जब उर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर उठता है और higher realms of Spirit or Consciousness में होता है. वही दूसरी ओर
Dark Night of the Soul में उर्जा का प्रवाह निचे की ओर होता है जो हमें realms of the Collective Unconscious and Soul से जोड़ता है.
ये दोनों ही अनुभव हमें बराबर बराबर भी हो सकते है लेकिन ज्यादातर केस में ऐसा होता है की spiritual emergency के दौरान इनमे से किसी एक तरह का अनुभव ज्यादा हो रहा होता है.
आध्यात्मिक आपातकालीन से बचाव कैसे करे
हमें इस तरह की स्थिति से खुद को सिर्फ बचाना है ना की इसे ठीक करने की कोशिश करनी है. ऐसा इसलिए क्यों की ये एक Natural movement है जो की spiritual path पर हमें होता ही है.
Mental health system इसे दबाने की कोशिश करता है और हमें यही नहीं करना है. जो हो रहा है उसे होने दे हमें इसे रोकना नहीं है बल्कि एक समय तक खुद को इसे प्रभावित होने से बचाना है.
इस तरह की स्थिति से बाहर निकलने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है. इस दौरान होने वाले अनुभव बताते है की हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे है क्यों की ये Spiritually valid experience होते है. यही वजह है की हमें इसे होने देना चाहिए.
इस स्थिति से खुद को motivate रखने के लिए वैसे तो कोई अलग तरीका नहीं है क्यों की सबके अनुभव अलग अलग होते है लेकिन कुछ ऐसे तरीके हम अपना सकते है जिनके जरिये इनसे बचाव कर हम खुद को आगे के लिए तैयार कर सकते है.
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1. ध्यान करना छोड़ दे Mindfulness का अभ्यास करे
अगर बात करे सबसे पहली वजह की तो spiritual emergencies की वजह ध्यान में होने वाले अनुभव को बर्दास्त न कर पाना है. मैडिटेशन के अनुभव आपके लिए भयावह सिद्ध हो सकते है अगर आप खुद को भौतिक रूप से मजबूत नहीं बना पाते है. ऐसा होने की वजह से हमें Dark night of soul के अनुभव होने शुरू हो जाते है.
मैडिटेशन हमारे लिए unconscious material के रास्ते भी खोल देता है जिसकी वजह से हमें कुछ ऐसे Visions दिखाई देने लगते है जो हमें Out of control कर सकते है.
ये सब हमारे Deep mind की रचना होती है जो की एक प्याज की परत की तरह हमें ऐसी Psychic ability से रूबरू करवाता है.
अगर आप मैडिटेशन में खुद को कम्फर्ट नहीं पाते है तो बेहतर होगा की आप Mindfulness का अभ्यास करे. Spiritual Emergency की वजह से आपको ध्यान का अभ्यास करना बंद कर देना चाहिए.
चैतन्य रहते हुए अपने वर्तमान में खुद को पाना ही Mindfulness meditation होता है. इस दौरान हम अपने बॉडी और सेंस से पूरी तरह जुड़े हुए रहते है.
जरुरी नहीं की आप ध्यान करो आप दिनभर की activity में भी खुद को फिट कर अकते है. आपको बस करना ये है की जो भी कार्य आप कर रहे है खुद को पूरी तरह उसी कार्य में लगाए रखे जैसे की घूमते समय खुद की मूवमेंट को महसूस करना.
2. Earth energy की तलाश करे
अपने daily routine के कामो में आप बाहरी उर्जा से प्रभावित होते रहते है इसलिए आपको earth energy के बारे में जानना चाहिए. ये उर्जा deeply grounding and nourishing होती है.
ऐसे कार्य जिनमे हम खुद को भूमि तत्व से जुड़ा हुआ पाते है इसमें शामिल है. जब भी आप खुद को negative energy से भरा हुआ महसूस करते है कुछ नहीं करना है बस कुछ समय के लिए सबकुछ छोड़ दे.
बाहर निकले और भूमि पर बैठ जाए, बेहतर होगा की किसी पेड़ के निचे बैठे. अब आप पैरो को नंगे पृथ्वी से contact में रखे. धीरे धीरे आप पाएंगे की आपके अन्दर की सारी नकारात्मकता और बुरे विचार ख़त्म हो रहे है और आप पहले की तुलना में खुद को शांत महसूस करने लगे है.
3. कुछ समय के लिए रोक दे अभ्यास को
अगर आप अभ्यास के दौरान spiritual emergency से गुजरना पड़ रहा है तो ये कभी न सोचे की ये किसी तरह का Side effect है बल्कि कुछ Spiritual practice में ऐसा होना स्वाभाविक है. ऐसी कुछ साधनाए भी होती है जिनमे हमें Mystical Psychosis and the Dark Night of the Soul से रूबरू होना ही पड़ता है.
अगर आप इस तरह की साधना में खुद को फिट नहीं पाते है तो बेहतर होगा की साधना को कुछ समय के लिए रोक दे.
ऐसा नहीं कर सकते है तो साधना के साथ आप खुद को नेचर से जोड़ दे. खाली समय में या फिर दिन का एक हिस्सा आप एकांत में प्राकृतिक जगह गुजारे.
ऐसा करना आपको उन अनुभव से उबरने में मदद करेगा.
4. उर्जा से भरपूर भोजन ले
साधना अभ्यास में हम एक चीज को शय इग्नोर ही कर देते है और वो है भोजन. हमें क्या खाना चाहिए इस पर ध्यान नहीं जाता है.
कोशिश करे की आप hearty meal a day को अपने daily routine में शामिल करे. ऐसे भोजन जिनमे फाइबर हो और जड़ हो जैसे की चुकंदर गाजर ऐसे फलो और भोजन को अपने डाइट में शामिल करे.
कुछ समय के लिए भोजन में उन तत्वों को शामिल करे जो आपके अन्दर Grounding energy को बनाए रखते है.
5. समस्या में पहचाने अपने मकसद को
अक्सर देखने में आता है की हम जब समस्याओ से घिरे होते है तब किस्मत को दोष देने लगते है लेकिन अगर इसे दुसरे नजरिये से देखा जाए तो जब भी ऐसा होता है तब कुछ समय बाद हमारे साथ अच्छा भी होता है. वो चीजे जिन्हें हम कोसते है उनकी वजह से कुछ अच्छे बदलाव भी आते है.
बुरे वक़्त में घबराने की बजाय हमें ये देखना चाहिए की कैसे हम उस वक़्त को अपने अच्छे वक़्त के लिए बदलाव कर सकते है.
यही नियम यहाँ लागू होता है. अगर आप spiritual emergency से गुजर रहे है तो अपने अनुभव के आधार पर ही आप आगे क्या सही करना है उसकी पहचान कर आगे बढ़ सकते है बजाय खुद को दोष देने के.
आप क्या सोचते है आखिर कौनसी वजह हो सकती है जिसकी वजह से आप spiritual emergencies से गुजर रहे है ?
जब आपको ये पता चल जाता है की आप किस वजह से विपरीत अनुभव से गुजर रहे है तो आपके लिए समस्या से बाहर निकलना भी आसान हो जाता है.
यहाँ पर आपको शांत रहने की जरूरत होती है. शांति के साथ अपने अंतर्मन से जुड़े और समस्या से बाहर निकलने के रास्ते पर विचार करे. आप इसके लिए खुद से जुड़ाव, पूजा पाठ, घूमना, प्रकृति के साथ वक़्त बिताना, Pray to universe, universal consciousness से जुड़ना जैसे कोई भी उपाय कर सकते है.
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6. भौतिक और मानसिक व्यायाम
व्यायाम करना आपके शारीरिक और मानसिक हेल्थ के लिए बेहद जरुरी है. आप चाहे gym करे या कुछ मिनट का प्राणायाम लेकिन ऐसा करना आपको spiritual emergency से दूर रख सकता है. व्यायाम करने के काफी सारे फायदे है क्यों की ये आपको अपने शरीर और मन से जोड़ता है.
अगर आप किसी तरह की समस्या से गुजर रहे है तो कुछ समय के लिए इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना ले फिर देखे किस तरह आपकी लाइफ में बदलाव आना शुरू हो जाते है.
7. तनाव से भरी स्थिति को कहे ना और जिम्मेदारी के बोझ तले दबना बंद कर दे
कोई भी साधना या अभ्यास अगर फ़ैल हो रहा है तो उसकी एक वजह आपका जरुरत से ज्यादा तनाव लेना भी हो सकता है. इसके अलावा अगर आप जरुरत से ज्यादा किसी चीज को लेकर सोचते है या जिम्मेदारी उठाते है तब भी आप तनाव को बढ़ावा देते है.
ये बिलकुल सच है और ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद तो कतई नहीं है.
अगर आपके साथ जरुरत से ज्यादा काम है तो बेहतर होगा की उनमे से उन कामो को छोड़ दे जो जरुरी नहीं है. जिन कार्यो को पहले करना है उन्हें पहले करे न की सारे काम एक साथ.
Energy and attention ये दो चीजे spiritual emergency के दौरान आपका हथियार होती है और अगर इस दौरान आप बाहरी कामो के चक्कर में इसे खो देते है तो ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायी हो सकता है.
वही काम और जिम्मेदारी ले जिसे आप पूरा कर सके. दूसरो की मदद करना अच्छी बात है लेकिन उसके चक्कर में खुद को फंसा लेना ये आपके लिए सही नहीं है.
8. किसी योग्य की मदद ले
अगर आप खुद के स्तर पर इस स्थिति को संभाल नहीं पा रहे है तो बेहतर होगा की आप किसी योग्य therapist or spiritual counselor की मदद ले. दवाई लेना आपके लिए नुकसान नहीं करेगा अगर आप इसकी हलकी मात्रा ले.
ज्यादा बड़ी मात्रा में दवाई लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है लेकिन ऐसी स्थिति में क्या करना है क्या नहीं ये आप अपने Commonsense के आधार पर निर्धारित करे.
आप इसके लिए किसी Spiritual healer की मदद ले सकते है लेकिन पहले ये पक्का कर ले की वे आध्यात्मिक आपातकालीन की स्थिति से परिचित हो. ऐसा न हो पाने की कंडीशन में वे आपकी मदद नहीं कर पाएंगे.
एक और तरीका आप अपना सकते है और वो है अपने दोस्तों और खास लोगो की मदद लेना.
उनका सपोर्ट आपको इस स्थिति से जूझने और बाहर निकलने में मदद करेगा. अगर वे आपको सपोर्ट करेंगे तो आप इस स्थिति में खुद को मोटीवेट रखते हुए इसे समझेंगे और खुद को बाहर निकाल पाएंगे.
Spiritual emergency एक डरावना अनुभव और मेरे अपने विचार
जब हम साधना में आगे बढ़ते है तो ऐसे अनुभव होना आम बात है. भले ही ये Terrifyingly और life-altering अनुभव हो लेकिन Spiritual Emergency का होना आपकी Spiritual journey का एक हिस्सा होता है इसलिए इससे डरने की बजाय समझकर आगे बढ़ने का प्रयास करे.
अगर आपके साथ ऐसा होता है तो इसका मतलब है की आपकी लाइफ की पुरानी यादो से बाहर निकाल एक नई शुरुआत करने का समय आ रहा है.
भले ही मेडिकल में आपके लिए कोई इलाज न हो और सोसाइटी आपको स्वीकार करने से मना कर दे लेकिन याद रखे की आप अकेले नहीं है.
आपकी तरह हजारो लाखो लोग हो सकते है लेकिन आगे आने से संकोच कर रहे है. ऐसी स्थिति में आगे बढे और अपने जैसे लोगो की पहचान कर उनके साथ अपने अनुभव शेयर साथ ही उनके अनुभव समझे.
साथ मिलकर ही आप आगे बढ़ सकते है और एक दूसरे को मोटीवेट कर सकते है.